Bhairav Sankshipt Katha
संछिप्त कथा
बाबा बटुक भैरव के बारे में लोगो के मन में अनेक प्रकार के भ्रम एवं शंकाए देखने को मिलाती है पर जितना मैं जनता हु या मैंने और भक्तो से सुना है उसके अधर पर मैं उनको सक्छात भगवान् शिव का बाल रूप ही मनाता हौं कुछ लोग इनकी संज्ञा बाकि भीरव से भी करते है पर वास्तव में बाबा बटुक भैरव सक्छात भगवान् शिव का बाल रूप है
|| अथ मुख्य ध्यानम् (Ath Mukhya Dhyanam) ||
करकलितकपालः कुन्डली दण्डपाणि-
स्तरुणतिमिरनीलो व्यालयज्ञोपवीती-
क्रतुसमय-सपर्या विघ्नविच्छेदहेतु-
जर्यति बटुकनाथः सिद्धिदः साधकानां ||
|| अथम मूलमंत्र (Athm Mool Mantram)||
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ
|| अथ सकलमनोरथ-प्रगत्यर्थमिदं ध्यानम् ||
शुद्धस्फटिकसंकाशं सहस्त्रत्रादित्यवर्चसम् |
नील-जीमूत-संकाशं नीलान्जन्संप्रभम् ||१||
अष्टबाहुं त्रिनयनम् चतुर्बाहुकम् द्विबाहुकम् |
द्रंष्ट्राकरालवदनं नूपुराराव-संकुलम् ||२||
भुजंगमखिलं देवमग्निवर्ण-शिरोरुहम् |
दिगम्बरं कुमारेशं बतुकाख्यं महाबलम् ||३||
खट्वांगमसिपाशं च शूलं दखिणभागतः |
डमरुं च कपालं च वरदं भुजंग तथा ||४||
आत्मवर्ण-समोपेतं सारमेय-समन्वितम् ||५||
Bhairav Sankshipt Kath
GOPAL KRISHAN says on: June 13, 2014 at 11:28 am
jai batuk bhairavnath ji ki
Gajendra Pradhan says on: November 6, 2014 at 2:21 am
Jai sri batuk bhairav nath koti koti pranam.